उत्तर प्रदेश देश

Mother’s day Special- भगवान श्री कृष्ण जी का नाम “दामोदर” पड़ने के पीछे की “लीला”

भगवान श्री कृष्ण जी का नाम “दामोदर” पड़ने के पीछे की “लीला”        

एक दिन माता यशोदा भगवान को दूध पिला रहीं थीं।और तभी उन्हें याद आया की रसोई में दूध चूल्हे पर रखा हुआ था। दूध गिरने से आशंकित होते हुए माँ यसोदा ने लाल को गोद से उतारा और उबलते दूध को बचाने चली गयी। जिससे श्री कृष्ण जी को गुस्सा आ गया की माँ मेरा पेट बिना भरे मुझे गोद से उतार कर रसोई में चली गई।

इसके बाद श्री कृष्ण जी ने अपनी एक और रोचक लीला शुरू कर दी। उन्होने दही से भरे सरे मिट्टी के बर्तन को पत्थर से मार मार कर तोड़ दिया जिससे पुरे कमरे में दही दही फैल गयी। इसके बाद उनके साथी भी उस कमरे में आ गए। श्री कृष्ण जी मक्खन को अपने दोस्तों की ओर फेंकने लगते है।

जब यशोदा मैय्या दूध संभाल कर आयी तो, वे हैरान हो गयीं की दरवाज़े में से दूध-दही-मक्खन बह रहा है। जिसको देख वे समझ गयीं की यह सब उनके लाल का करा धरा है। जैसे ही माँ यसोधा कमरे में जाती है । जिको देखते ही श्री कृष्ण जी अचानक कमरे भाग जाते है माँ यसोदा गाब्रिटी है की कही उनके लाल को चोट तो नहीं लगी। उसके तुरंत बाद उन्हें कुछ आवाज़ सुनाई दी। माता यशोदा श्रीकृष्ण को पकड़ने के लिए उनके पीछे दौड़ीं। इस घटना के बाद माँ यसोदा ने भी आज कन्हैया को सबक सीखने का मन बना लिया। उन्होंने छड़ी उठाई और उनके पीछे-पीछे भागीं। ये देख श्री कृष्ण भी आनंदित हुए , पीछे-पीछे माता यशोदा को देख, नन्द भवन के आड़ोस-पड़ोस की बहुत सी गोपियां इकट्ठे होने लगे। यह भागम भाग काफी देर यह चलता रहा। माता यशोदा को ज्यादा कष्ट न हो इसके लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी चाल को थोड़ा धीमा कर दी और जिससे माँ ने उन्हें पकड़ लिया
माँ यशोदा ने श्रीकृष्ण जी को ऊखल से बांध दिया । जब रस्सी से बांधने लगीं तो रस्सी दो ऊंगल छोटी पड़ गई। तब माता यशोदा ने पास खड़ी गोपियों को और रस्सियां लाने के लिए कहा। माँ यसोदा रस्सी पर रस्सी जोड़ती जाती और हर बार रस्सी दो ऊंगल छोटी पड़ जाती।जिसको देख उनके लाल बहुत आनंदित होते है। लेकिन माँ का कष्ट उनसे देखा न गया और पहली रस्सी से ही बंध गए

इस लीला के बाद से ही भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम और हो गया दामोदर।

मोदी सरकार का बड़ा फैसला – अब चार धाम यात्रा होगी रेल से

About the author

pyarauttarakhand5