कनखजूरा व अहंकारी कौन किशोर भाई ? रावत जी क्या किशोर सरल नहीं है ?
उत्तराखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम की ताजपोशी में उमड़ी भीड़
देहरादून(प्याउ)। 11 मई को देहरादून में उत्तराखण्ड में नवनियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पदभार ग्रहण समारोह में उमड़ी भीड़ से साफ हो गया कि विधानसभा चुनाव में मिली करारी पराजय के बाबजूद कांग्रेस पार्टी में आज भी दमखम है। अध्यक्ष बनने पर कांग्रेस आलाकमान, जनता व कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए प्रीतम सिंह ने भाजपा पर तीखे प्रहार करते हुए जनता का झांसा देकर सत्ता हडपने का आरोप लगाया। वहीं इस कार्यक्रम में हरीश रावत व किशोर उपाध्याय के कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना जारी रही। इस अवसर पर कांग्रेस के सह प्रभारी संजय कपूर, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश सहित कांग्रेस के विधायक, नेता सहित हजारों की संख्या में कार्यकत्र्ता भी उपस्थित थे।
इसी समारोह ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व पूर्व अध्यक्ष की टिप्पणियां भी चर्चाओं रही। खासकर अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रीतम सिंह सरल स्वभाव के है। उनके बनने से प्रदेश कांग्रेस का हर कार्यकर्ता भी खुद को अध्यक्ष समझ कर कांग्रेस को उबारने में लग जाय। इसमें किसी को शक नहीं कि कांग्रेस के नये अध्यक्ष प्रीतम सिंह को प्रदेश की राजनीति में बहुत ही सुलझे व सरल इंसान के रूप में जाना जाता है। पर इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री के इस कथन से लोग पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सरल स्वभाव के नहीं थे। क्या पूर्व मुख्यमंत्री यह कह कर संकेतों में यह कहना चाहते थे कि पूर्व अध्यक्ष सरल स्वभाव के नहीं थे ? राजनीति के जानकार समझते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जैसे मंझे हुए राजनेता के कहीं पर कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना होता है।
वहीं दूसरी तरफ इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रीतम सिंह को बधाई देते हुए किशोर उपाध्याय ने नये अध्यक्ष को कनखजूरे से सावधान रहने की सलाह दी। इसके साथ किशोर ने दो टूक शब्दों में कहा कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपने विभिषणों व अहंकार के कारण हारी। भाजपा में अगर ताकत होती तो वह दलबदल नहीं कराती। पूर्व अध्यक्ष के इस कनखजूरा वाले बयान पर लोग सवाल कर रहे हैं कि कनखजूरा कौन है? विभिषण तो कांग्रेस के विद्रोही प्रत्याशियों के लिए कहा गया होगा पर अहंकारी कौन ? लोग कायश लगा रहे हैं कि किशोर उपाध्याय ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर यह संकेतों में प्रहार किया। इस समारोह से भी एक बात साफ हो गयी कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व पूर्व अध्यक्ष के बीच में अपने कार्यकाल के दौरान बनी दूरियां आज भी जारी है।