अमेरिका ने 13 अप्रैल को भारतीय समय के अनुसार 7.32 बजे अफगानिस्तान की गुफाओं में छुपे हुए इस्लामी स्टेट के आतंकियों के सफाये के लिए दुनिया का अब तक का सबसे बडा (गैर परमाणु बम) 10000 किलो बजनी बम का हमला करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है।
इसकी मारक क्षमता इतनी है कि 300 मीटर क्षेत्र में पूरी तरह तबाही मचा दिया है। यह दुनिया के तमाम बमो की माॅ के नाम से कुख्यात 2000 करोड़ रूपये लागत का है। यह महाविनाशकारी बम के रूप में कुख्यात हे। आज पेंटागन ने इसकी सूचना देते हुए कहा कि अमेरिका ने कहा है कि उसने पूर्वी अफगानिस्तान के पाक सीमा से लगे नानगरहार प्रांत के अचिन जिले में शरण लिए इस्लामिक स्टेट आतंकियों के ठिकानों पर एक विशाल ळठन्-43 बम गिराया है।
इसका प्रयोग पहली बार दुनिया में किया गया। पहली बार इस बम का प्रयोग किया गया है और इसे MC-130 एयरक्राफ्ट से गिराया गया.। एक सुरंगनुमा इमारत पर गिरी। यह विनाशकारी बम दुनिया में अभी केवल 15 बम बताये जाते है। इन सुरंगों से इस्लामी आतंकी एक स्थाने से आसानी से दूसरे स्थानों में सुरक्षित पंहुच जाते थे। इसी को देखते हुए अमेरिका ने इनके सफाये के लिए यह बम का प्रयोग कर इस्लामी आतंकियों का सफाया करने का निर्णय लिया।
जिस स्थान पर बम गिराया गया वह स्थान पेशावर से 100 किमी दूर पर स्थित है। इस जीबीयू -43 नामक बम का परीक्षण 2003 में किया गया था पर इसका कभी युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया गया था। इसे अमेरिका मदर आफ आल बम के नाम से पुकारता है। यह बम इतना भारी होता है कि यह सामान्य लडाकू विमान से नहीं गिराया जा सकता। यह 11 टन टीएनटी के बराबर विस्फोटए यह 30 फुट लम्बा है।