Chamoli उत्तराखंड देश

उतराखण्ड में मतदान होने के बाद डबल इंजन की सरकार मस्त पर, मोदी समर्थक जनता बिजली के भारी बिलों से त्रस्त


चमोली के नारायणबगड में भाजपा समर्थकों पर ही ढाया बिजली विभाग ने कहर, भाजपा नेताओं की भी नहीं हो रही सुनवाई

प्यारा उतराखण्ड डाट काम

 भले ही इन दिनों पूरे देश में लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा सहित तमाम राजनैतिक दल जनता को लुभाने के लिये व विकास करने कई योजनायें व दावे कर रहे हैं। पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव में जिन प्रांतों में लोकसभा चुनाव में मतदान हो चूका है वहां के लोगों को यहां पर आसीन सरकारों का असली चेहरा देख कर हेरान हैं। ऐसा ही घटित हो रहा है सीमांत प्रांत उतराखण्ड में यहां की पांचों लोकसभा सीटों के लिये पहले चरण में 19 अप्रैल 2024 को मतदान हो गया। चुनाव मे चुनाव आयोग की उदासीनता के कारण राजनैतिक दल व सरकारें कई लोकलुभाने प्रलोभन व वादे कर रही थी। जैसे जनता को एक निर्धारित उपभोग तक निशुल्क बिजली,पानी, राशन, किसान भत्ते,बेरोजगारी भत्ते, महिला भत्ते आदि का ऐलान करते है। परन्तु उतराखण्ड की जनता को मतदान के बाद भाजपा की डबल इंजन का कहर सहना पड रहा है। उतराखण्ड में 19 अप्रैल को हुये चुनाव मतदान के बाद प्रदेश के लोग उस समय स्तब्ध रह गये जब मई माह में उनके पास आनन फानन में हजारों रूपये का बिल आ गया। सीमान्त जनपद चमोली में विकासखण्ड नारायणबगड में कोठुली गांव में ऐसे कई उदाहरण सामने आये। स्व. ललिता प्रसाद सत्ती  व स्व विजे सिंह  आदि के 25 से 15 हजार रूपये के बिल आये। जबकि इन तमाम उपभोगताओं के यहां  मात्र घरों में बिजली के बल्ब ही जलते है। विजे सिंह के बेटे त्रिलोकसिंह रावत ने कहा कि वे हर माह बिजली का बिल का भुगतान नियत समय पर करते रहते तो ऐसे में हजारों रूपये का बकाया बिल का कोई औचित्य तक नहीं। इस मामले में बिजली विभाग पंती कार्यालय में भाजपा नेता पुरूषोत्तम सत्ती व नारायण बगड के विकासखण्ड प्रमुख ने भी बिजली के बिलों को ठीक करने का अनुरोध किया। हैरानी की बात यह है कि यहां प्रशासन न जनप्रतिनिधियों की सुनता है व नहीं उपभोगताओं की। बिजली बिभाग दूरस्थ गांवों में न तो नियमानुसार विधिवत मीटरों की पढ़ता है। लगता है कि वे अपने घर में बेठ कर अधिकांश अनाप शनाप बिल बना देते है। वे मनमर्जी करके आम जनता पर भारी बिलों का कहर ढोते है।संयोग से जिनका बिजली का भारी भरकम बिल आया वे सब भाजपा के समर्पित कार्यकर्त्ता भी हैं। इसके साथ इन दूरस्थ क्षेत्रों में विभाग द्धारा लगाये गये बिजली के मीटरों पर भी लोगों को गहरी शंका है। अपने निहित स्वार्थ के लिये इस प्रकार के गरीब उपभोगताओं का खून चूसने वाले मीटरों को विभाग बरबस थोप देता है, यही नहीं जनता की शंकाओं व शिकायतों के निवारण के लिये अधिकारी तैयार नहीं है। अगर ईमानदारी से इन क्षेत्रों में मीटर पढने व मीटरों की जांच हो तो यहां बडा घपला सामने आयेगा। जिससे बचने के लिये विभाग पीडित जनता की सुनवाई करने को तैयार नहीं है।
लगता है कि मानो नोकरशाही प्रदेश की जनता को 2014 से अब तक भाजपा को सत्तासीन करने के लिये दण्डित कर रहे हैं।अब लोग कह रहे हैं कि यह डबल इंजन सरकार का ईनाम है।

About the author

pyarauttarakhand5