प्रधानमंत्री मोदी के दर्शन 2014 में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, जीवन प्रमाण पत्र, पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल टिकटें लॉन्च की गईं और फेस ऑथेंटिकेशन 2021 लॉन्च किया गया।
डीएलसी अभियान 3.0 भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1900 शिविरों और 1100 वकील अधिकारियों के साथ 1-30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया गया, जिसमें सभी पेंशन भोगी अपने घरों से या पेंशन संविधान समिति या एसपीपीबी में अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं हैं।
19 पेंशन संवितरण बैंक और 57 पेंशन कल्याण संघ, सीजीडीए, स्कीमपीबी, यूकर्स संस्था पूर्ण सरकार और राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर डीएलसी अभियान 3.0 को लागू करने के लिए सहयोग करें।
डॉ.जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र मोदी, जीवन प्रमाण, पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल संविधान प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण है। डीएलसी अभियान 3.0 भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1 से 30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा जिसमें केंद्र/सामराज्य/ईफाओ/स्वयंता पेंशनभोगी पेंशन वितरण कार्यालय या एसपीपीबी में अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। सुपर सीनियर पेंशनभोगी इसे अपने घर से कर सकते हैं और अपनी सेवाओं के लिए डोर स्टेप ऑफर की बहाली कर सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक, नेशनल पंजाब बैंक, सीजीडीए, सर्विसपीबी, पासपोर्ट यू.एफ. फाइल सहित सभी पेंशन वितरण बैंक देश भाईचारा आधार पर डीएलसी अभियान को एक साथ लागू करने के लिए।
डॉ . चौधरी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण ” राष्ट्र प्रथम , नागरिक प्रथम ” है, डिजिटल लोकतंत्र के माध्यम से ” पेंशनभोगियों के कल्याण में सुधार ” करना है। इसके तहत 2014 में जीवन प्रमाण की शुरुआत हुई और 2021 में फेसबुक प्रमाणीकरण की शुरुआत हुई। वर्ष 2022 में डीएलसी अभियान 1 .0 को 37 शहरों में लागू किया गया। वर्ष 2023 में डीएलसी अभियान 2.0 नवंबर , 2023 में 100 शहरों में 597 स्थानों पर आयोजित किया गया , जिसमें कुल 1.47 करोड़ डीएलसी अभियान तैयार किया गया, जिसमें 45.46 लाख लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियां शामिल थीं । फेसबुक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 25.41 लाख डीएलसी तैयार हो गए और 90 वर्ष से अधिक आयु के 30,500 से अधिक पेंशनभोगियों ने डीएलसी का लाभ उठाया ।
डा सिंह ने कहा कि 2023 में डीएलसी अभियान 3.0 , डीपीपीडब्ल्यू समन्वित द्वारा किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा अभियान है और जागरूकता पैदा करने के लिए विभाग ने सभी हितधारकों के लिए सोशल मीडिया को व्यापक पहुंच , टेलीविजन और रेडियो और प्रशिक्षण प्रदान किया है। है. है. कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। यह अभियान 1100 से अधिक हाथी अधिकारियों के साथ 800 शहरों / डॉबों में 1900 डीएलसी शिविर आयोजित किया गया। 1 .8 लाख ग्रामीण डाक सेवक 785 शहरी / मोबा में आयोजित होने वाले सेवापीबी शिविरों में सेवा प्रस्ताव प्रस्ताव। पेंशन वितरण करने वाले बैंक 157 शहरों / स्कूलों में डीएलसी कैंप का आयोजन किया जाएगा।
डॉ . वकील सिंह ने कहा कि डीएलसी अभियान 3.0 के बारे में उनके साथ या पीडब्लूवाई , या सोशल मीडिया या प्रवेश संख्या 1 -800-111-960 के माध्यम से साझा किया जा सकता है। इस उपयोगिता का उपयोग करने वालों की पहचान करना , वितरण प्रणाली में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना कि सिस्टम के आधार पर पात्र बनाना और सभी पेंशन लाभार्थियों के लिए आसान हो। डीएलसी पोर्टल पर साक्ष्य पत्र प्रस्तुत करना और हितधारकों / पेंशनभोगियों की प्रतिक्रिया पर वास्तविक समय के आंकड़े के माध्यम से प्रगति की निगरानी की जाएगी।
डॉ . वकील सिंह ने आगे कहा कि जो लोग डिजिटल मंच तक पहुंच असमर में थे , उनके लिए वैकल्पिक गैर – डिजिटल तरीके से उपलब्ध रहेंगे। पेंशनभोगी अभी भी पारंपरिक मानक जैसे पेंशनभोगी में पासपोर्ट या डाक का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। इसका लक्ष्य कई विकल्प प्रदान करना है ताकि कोई भी पेंशनभोगी यह प्रक्रिया शुरू न कर सके। उन्होंने डीएलसी अभियान 3 .0 को राष्ट्र सहयोग सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों से सहयोग की आशा व्यक्ति की सहायता ली।
डीएलसी अभियान 3 .0 के उद्घाटन समारोह में डीपीपीडब्ल्यू के सचिव श्री वी . इंजीनियर , डीपीपीडब्ल्यू के संयुक्त सचिव श्री ध्रुबज्योति सेनगु पिता , सीजीडीए श्रीमती देविका रघुवंशी , भारतीय डाक आश्रम श्री संजय शरण , ओडिशा की सीजीएम श्रीमती शालिनी कक्कड और पेंशन वितरण संस्थाएं , पीएफआई और एसोसिएशन एसोसिएशन यू के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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