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मर्चूला बस दुर्घटना (36मरे व 27 घायल)से उतराखण्डी शोकाकुल व आहत 

मर्चूला बस दुर्घटना (36मरे 27 घायल)से उतराखण्डी शोकाकुल व आहत

घडियाली आंसू बहाने के बजाय सरकार दुर्घटनाओं पर लगाये ठोस अंकुश

प्यारा उतराखण्ड डाट काम से देवसिंह रावत

आज 4 नवम्बर 2024 को तडके नैनीडांडा (पौड़ी, उतराखण्ड), बरात-किनाथ से रामनगर जा रही गढवाल मोटर्स ऑनर यू लि की 37 सीट वाली यूके 12 पीए 0061बस के सुबह 8.45 बजे अल्मोडा जनपद स्थित मर्चूला कूपी-सारड मोड के पास दुर्घटना ग्रस्त होने से इसमें सवार 36 यात्री मारे गये व 27 घायल यात्रियों का रामनगर, काशीपुर व रिषिकेश चिकित्सालयों उपचार चल रहा है। इसकी खबर सुनते ही उतराखण्ड सहित देश विदेश में रहने वाले उतराखंडी शोकाकुल हो कर इंटरनेटी दुनिया में अपनी संवेदनायें व्यक्त करने लगे। बडी संख्या में जनप्रतिनिधी व समाजसेवी घायलों की सुध लेने चिकित्सालयों में भी गये। लोग इस बात से गमगीन थे कि बार बार इस प्रकार की दुर्घटना होने के बाबजूद सरकार केवल घडियाली आंसू बहाने, कोरी घोषणा करने के अलावा कोई ऐसा ठोस कदम नहीं उठाती जिससे ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगे।
स्थानीय लोगों व बचाव कर्मियों ने जनपद अल्मोड़ा के मारचुला क्षेत्र में हुई बस दुर्घटना में गंभीर रुप से घायलों को बेहतर उपचार हेतु राम दत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रामनगर, नैनीताल ले जाया गया। वहां से गंभीर रूप से घायलों को बेहतर चिकित्सा के लिये आयुविज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश और सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए वायु मार्ग द्धारा पंहुचाया गया। इस दुर्घटना की खबर सुनते ही नैनीडांडा क्षेत्र व दुर्घटना क्षेत्र मारचूला सहित पूरे उतराखण्ड में शोक में डूब गया। मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश भले ही दे दिये हों पर शोकाकुल लोग इस दुर्घटना के लिये जहां बस में क्षमता 37 से कई अधिक 55 सवारियां खचाखच भरी होने के साथ, टायर का फटना, चालकों व बस आदि के परिचालन पर सरकारी उचित नियंत्रण न होने, चालक की लापरवाई के अलावा सरकार द्वारा सडकों का रखरखाव न करने को जिम्मेदार मान रहे है। प्रशासन ने 36 मृतकों व 27 घायलों की सूचि जारी कर दी। अधिकांश मृतकों व घायलों में नैनीडांडा क्षेत्र पौडी, अल्मोडा व रामनगर नैनीताल जनपद के ही लोग हैं।

इस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सहित तमाम वरिष्ठ नेताओं ने गहरा दुख प्रकट किया। मुख्यमंत्री धामी ने
राम दत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रामनगर, नैनीताल में मार्चुला में हुई बस दुघर्टना में घायलों की कुशल क्षेम एवं मृतकों के परिजनों से शोक संवेदना प्रकट की। इस अवसर पर दुर्घटना में मारे गये प्रत्येक मृतक के परिवार को चार चार लाख रुपए व घायलों को एक एक लाख रुपए सहायता देने के साथ घायलों का निशुल्क उपचार कराने की व्यवस्था करने का निर्देश देते हुए आयुक्त कुमाऊं मंडल को इस दुर्घटना की जांच कराने का ऐलान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी ने इस दुर्घटना से संबंधित क्षेत्र पौडी व अल्मोडा के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित कर दिया है।
इसके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस दुर्घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए हर मृतक परिवार को दो दो लाख रुपए व घायल को 50-50हजार सहायता देने का ऐलान किया।

इस दुर्घटना से आहत विपिन लखचोरा ने प्रश्न उठाया कि जब बस की क्षमता से कहीं अधिक सवारियां खचाखच भरी जायेगी तो ऐसी दुर्घटना ही होगी। यातायत नियंत्रण करने वाला सरकारी तंत्र कहां सोया हुआ है।

इस दुर्घटना पर बहुत दुखद बताते हुये एक पीडित ने सवाल किया कि भाजपा सरकार रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय में बेहतर सुविधा दे पाती तो आज रामनगर अस्तपाल रेफर सेंटर ना बनता और कुछ घायलों को मरने से बचाया जा सकता था। धामी जी भी आए तो सिर्फ खाना पूर्ति के लिए ।
वहीं सोशल मीडिया पर पहाड़ी पत्रकार द्धारा प्रेषित खबर के अनुसार सल्ट में मार्चुला के पास किनाथ दिगोलीखाल से आने वाली बस टायर फटने से गहरी खाई में जा गिरने से यह दुर्घटना हुई। वही मुख्यमंत्री के आने पर लोगों ने उनके विरोध में नारे भी लगाए।
इस दुर्घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए वरिष्ठ पत्रकार वेद भदोला ने कहा कि सरकार घडियाली आंसू बहाती है दुर्घटनाओं से सबक लेकर ऐसी दुर्घटनाएं फिर न होने देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि साल 2018 में पौड़ी जिले के धुमाकोट में भीषण बस दुर्घटना में 45 लोगों की मौत हुई थी। उस वक्त भी तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये थे। मारचुला दुर्घटना की मजिस्ट्रेटी जांच से पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि धुमाकोट बस दुर्घटना की मजिस्ट्रेटी जांच पर क्या कार्रवाई हुई, उससे क्या सबक लिए गए?

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