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स्वच्छता मिशन को नया आकार देती प्लास्टिक कबाड़ पुनर्चक्रण (वेस्ट रीसाइक्लिंग) कंपनियां

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स्वतंत्रता मिशन नया आकार सुपरमार्केट प्लास्टिक वेस्ट रीसाइक्लिंग उद्योग


प्लास्टिक और रोबोटिक सिस्टम से प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग

 30 अगस्त 2024, से पसूकाभास 

भारत में हर साल 56 लाख टन से अधिक प्लास्टिक वेस्ट को रीसाइक्लिंग किया जा रहा है। इसी तरह प्रतिदिन 15600 टन प्लास्टिक वेस्ट को बड़े पैमाने पर रीसाइक्लिंग किया जा रहा है।

शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत ‘रिडौब, रीयूज और रीसाइक्लिंग (3आर) की अवधारणा’ अपनाकर कई ‘प्लास्टिक वेस्ट रीसाइक्लिंग उद्योग’स्वतंत्रता के इस मिशन को नए आयाम दे रही हैं। यह औद्योगिक प्लास्टिक वेस्ट को पुन: उपयोग में नये कारखाने के बर्तनों में बदल रही हैं। इस तरह प्लास्टिक को पुन: तैयार करने की योजना बाजार में प्रेस कम करते हुए बनाई जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य स्वतंत्रता तक सीमित नहीं है, बल्कि इस मिशन के तहत बड़ी अवधारणाएं, नवप्रवर्तन कई प्रयास, नए प्रयास, निरंतर शोध, कई शोध अभियान आदि के लिए बड़े स्तर पर जनशक्ति पर काम कर रही है। सॉलिड सॉलिड रिबाउंड के माध्यम से कचरा खत्म करने के साथ-साथ लैंडफिल साइट्स पर माउंटेन बन ओल्ड ओल्ड ऑर्केस्ट्रा का भी स्टेरिल जा रहा है।

प्लास्टिकस्पोर्ट्सगियर.jpgआधुनिक संसाधन और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग का भविष्य – दिल्ली के प्रगतिशील क्षेत्र में ‘ग्लोस कॉन्स क्वेश्चन ऑन प्लास्टिक रीसाइक्लिंग एंड सस्टेनेबिलिटी’ विषय पर जुलाई 2024 में अंतर्राष्ट्रीय स्टूडियो का आयोजन किया गया। कई टूरिस्ट ‘प्लास्टिक वेस्ट रीसाइक्लिंग’ का शानदार उदाहरण लेकर आए, जिसमें भारत का पहला ‘रेसाइक्लिंग एंड सस्टेनेबिलिटी शो’ का नाम दिया गया था। इस प्रदर्शनी में ऐसे कई रसायन और रसायन प्रस्तुत किए गए हैं, जहां माध्यम से एक बार इस्तेमाल के बाद बिक्री या बिक्री समझे जाने वाले प्लास्टिक को रीसायकल कर नई पीढ़ी में बदला जा सकता है। चार दिन की प्रदर्शनी में करीब 400 कलाकार शामिल हुए और 50 हजार से ज्यादा बिजनेस इन्वेस्टर्स शामिल हुए। यहां प्लास्टिक को नया आकार देने वाले सामान्य बिक्री उत्पाद बनाने से लेकर रीसाइक्लोल्ड प्लास्टिक से बनी कंपनी ‘स्पोर्ट्स गियर’ तक के बेमिसाल उदाहरण पेश किए गए। 

प्लास्टिक और रोबोटिक सिस्टम से प्लास्टिक की छंटाई :  प्लास्टिक रीसाइक्लिंग पर आधारित प्रदर्शनी में ‘ईशित्व रोबोटिक सिस्टम’ की ओर से दुनिया की पहली ऐसी प्लास्टिक सामग्री की छंटाई करने वाले मशीन पेश की, जो प्लास्टिक और रोबोटिक सिस्टम की मदद से रंग, आकार, वजन, ब्रांड और ब्रांड का खुद ही माप करके प्लास्टिक की बोतलें और पैकेट की कीमत निर्धारित की जा सकती है। यह कंपनी ‘वी शॉर्ट टू वैल्यूएबल वैल्यूएबल’ के साथ सॉर्टिंग मार्चएंडाइज तैयार कर रही है। इसके अलावा कुछ ऐसे भी हैं, जो क्लास के सफेद, रंगीन और क्राफ्ट पेपर की चांदी बनाने वाली मशीन भी विकसित कर ली है, साथ ही मेटल और ग्लास सॉर्टिंग मंथली पर भी काम चल रहा है, जो जल्द ही विकसित कर ली है चाहत। ।। 

कस्टम मेड प्लास्टिक.jpgब्लास्ट सिस्टम से प्लास्टिक को मिल रहा आकार  :  प्लास्टिक को प्लास्टिक बनाने के बाद मोल्डिंग मशीन में एक सांचे के आधार पर एक ही तरह का उत्पाद बनाया गया जिसमें आपने कई फैक्टरियों को देखा होगा। मैग्रा प्लास्टिक रीसाइक्लिंग प्रदर्शनी में ‘जनमोहन पीएल मैक’ की ओर से ऐसी ‘फुल्ली फुल्ली मोल्डिंग मोल्डिंग’ प्रस्तुत की गई है, जो ‘कास्टम मेड सीरीज’ एप्लिकेशंस के आधार पर तैयार की गई है। इनमें ब्लो मॉल्डिंग, डिफ्लेशिंग मोल्डिंग, इंजेक्शन मोल्डिंग और स्थान विशेष वाले निगम शामिल हैं। प्लास्टिक के प्लास्टर के रूप में आप फ्लोरिडा, फ्लोरिडा में डिजाइन कर सकते हैं यानी छत पर प्लास्टिक के पानी के टैंक से लेकर झील, पानी की बोतलें, ड्रम, ट्रे, गामाले, गामाले, केन, बराडिचर, बच्चों के झूले और रेयर तक कुछ भी तैयार कर सकते हैं कर सकते हैं। यह कंपनी भारत सहित 64 देशों में 6 हजार से अधिक उद्यम स्थापित कर चुकी है।

 

बेंगलुरु कर्नाटक चित्र.jpgबेंगलुरु ग्रीन कंपनी प्लास्टिक वेस्ट री साइक्लिंग  –  कर्नाटक राज्य प्लास्टिक एसोसिएशन के अनुसार शहर में प्लास्टिक के प्रत्येक माह प्रति व्यक्ति लगभग 16 किलोमीटर तक है। यहां यूनाइटेड नेशंस अमेरिका प्रोग्राम के तहत प्लास्टिक वेस्ट कैथेड्रल प्रोग्राम ‘प्रोजेक्ट अर्थ’ की शुरुआत हुई। इसके अंतर्गत आने वाले स्वच्छता साथियों के लिए 2019 में ‘स्वच्छता केंद्र’ का नाम से मटेरियल बैचल सुविधा केंद्र की स्थापना की गई। यहां 76 साथियों को कोरोना महामारी के कठिन समय में अच्छे वेतन के साथ नौकरी की शुभकामनाएं दी गई हैं। स्वतंत्रता केंद्र का प्रबंधन ‘हसीरू दला’ नाम से सामाजिक संगठन बनाया जा रहा है। इंडिपेंडेंस सेंटर ने प्लास्टिक फैब्रिक के साथ मिलकर अपनी श्रेडिंग और बेलिंग का भी काम किया है, जिसके बाद यह रीसाइक्लर्स के लिए उपयुक्त हो जाता है। प्लास्टिक का उपयोग सड़क निर्माण, कृषि उपयोग के लिए पानी की पाइप बनाना, फर्नीचर निर्माण में किया जाता है, जिससे यह प्लास्टिक का कचरा एक सार्कुलर उद्योग का हिस्सा बन जाता है।

धारावी: जग्गी भट्टी या सरकुल इकोनोमी के लिए सोने की खान!  –  मुंबई, महाराष्ट्र की धारावी में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती स्थित है, मगर इसे रीसाइक्लिंग और सरकोल इकोनोमी की नजरों से सोने की खान कहा जाता है। धारावी के 15,000 बिल्डरों के लिए मुंबई में 250,000 लोग काम करते हैं। प्लास्टिक रिसाइक्लिंग उद्योग में अकेले लगभग 10,000 से 12,000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इस प्रक्रिया में सूक्ष्म द्रव्य को चबाते हुए, क्रशिंग के बाद सोसायटी की मदद से माइक्रोसाल्टिक में बदल दिया जाता है। सुरक्षा और स्वास्थ्य के कारण धारावी में प्लास्टिक वेस्ट को जोड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में प्लास्टिक वेस्ट को पूरे भारत में कंपनी द्वारा शामिल किया गया है, जहां इसेकर 60,000 विभिन्न प्लास्टिक उत्पाद पुनः उपयोग में लाए जाते हैं।

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