भारत और अमेरिका मिलकर वैश्विक शांति और समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं: राजनाथ सिंह
23 अगस्त 2024 दिल्ली से पसुकाभास
भारत और अमेरिका मिलकर एक ऐसी दुर्जेय सेना में शामिल हैं, जो दुनिया में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित कर सकती है। यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 22 अगस्त, 2024 को वाशिंगटन यात्रा के बाद चार अमेरिकी लोकतंत्रों की यात्रा के बाद भारतीय दूतावास से बातचीत करते हुए कही। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच के सहयोगी सहयोगी हैं, जो काम से मजबूत हुए हैं और सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
श्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत का कद बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता था, लेकिन आज उनकी बातों पर पूरी दुनिया का ध्यान बड़े पैमाने पर है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले भारत निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली द्वारा गढ़े गए ‘नाजुक पांच’ देशों में से एक था, और आज भारत दुनिया की ‘शानदार पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने इस फर्म की फार्मेसी रिपोर्ट का संदर्भ देते हुए कहा कि आज बताया गया है कि भारत वर्ष 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के बारे में सरकार की कार्रवाई से यह सुनिश्चित हो गया है कि अन्य देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
श्री राजनाथ सिंह ने इस तथ्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार 25 करोड़ लोगों की गरीबी रेखा से ऊपर उठकर सफल हो रही है। उन्होंने कहा कि नवीनतम आंकड़ों के स्तर पर धार्मिक पांच साल के आधार पर 3.54 प्रतिशत का उछाल आया है और विदेशी मुद्रा भंडार 675 धार्मिक डॉलर के सर्वकालिक लोकतंत्र स्तर पर पहुंच गया है।
रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उलेलेख बनाया, जिसमें 5,000 से अधिक सीमा वाली सकारात्मक स्वदेशी सूचीकरण की अधिसूचना भी शामिल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है कि भारत भूमि पर घरेलू मशीनरी का निर्माण किया जाए।
श्री राजनाथ सिंह ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि स्थिर सरकार की सत्ता में आने से पहले रक्षा प्रतिद्वंद्वी 600 करोड़ रुपये का था, जो अब उल्लेखनीय रूप से 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने के लिए मजबूत कदम उठाने की वजह से देश में आध्यात्म की संख्या वर्ष 2014 में लगभग 400 थी जो अब बढ़कर 1.20 लाख हो गई है। उन्होंने सरकार की मंजूरी और मंजूरी के साथ-साथ इच्छाशक्ति की सराहना की। प्रधानमंत्री के दर्शन का उलेलेख करते हुए उन्होंने कहा कि “हम विकसित भारत को एक मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनाना चाहते हैं।”
रक्षा मंत्री ने अपनी पुस्तक के समापन में अमेरिका में भारतीय समुदाय से ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (विश्व एक परिवार है) की भावना के साथ पूर्ण ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करने का आग्रह किया।
श्री राजनाथ सिंह के आगमन के साथ ही दोनों सितारों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने दो प्रमुख लोगों को शामिल किया- एक उद्यम की सुरक्षा (ओएसए) और संपर्क अधिकारियों के संबंध में सहमति पर हस्ताक्षर।
अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अमेरिकी रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन के साथ संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के अमेरिकी सहायक श्री जेक सुलिवान से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वे अमेरिकी रक्षा उद्योग के साथ एक उच्च प्रतिष्ठित गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे। रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत से- संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख वैश्विक उद्देश्य के और अधिक मजबूत और व्यापक होने की उम्मीद है।
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