केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में इंडिया रैंकिंग 2024 जारी की
इस सूची में रोजगार कौशल मुख्य बेरोजगार होंगे– श्री प्रधान
सभी 58,000 भारतीय उच्च शिक्षा आवेदकों को रैंकिंग और रेटिंग फ्रेमवर्क रैंकिंग में शामिल किया गया – धर्मेंद्र प्रधान
किसी साहित्यिक संस्थान की गुणवत्ता, प्रदर्शन और मूल्यांकन का अधिकार छात्रों और उद्यमियों को है- मेट्रोपोलिटन प्रधान
नवंबर 2015 में शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस संस्करण के साथ-साथ वर्ष 2016 से 2023 तक नी-फिक्स का उपयोग शुरू हुआ, इसके लिए पिछले आठ संस्करणों के लिए इंडिया रैंकिंग जारी की गई।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री पेट्रोलियम प्रधान ने आज इंडिया रैंकिंग 2024 जारी की। 2015 में शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस उद्देश्य के लिए तैयार किए गए नेशनल लाइब्रेरीज़ रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआई फ़्यूचर्स) का उपयोग किया गया है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्तिकार; आईबीपीएस के प्रो. एम जगदीश कुमार; एआईसीसीटी के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सूत्र; एनआइ डिटॉक्स के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे; एनबीए के सदस्य डॉ. सचिव. अनिल कुमार नासा; उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव, सुनील कुमार बर्णवाल; सचिव श्री संयुक्त गोविंद मंडल; अन्य शिष्यों के अध्यक्ष, प्रमुख और अन्य शिक्षाविद् आदि उपस्थित थे।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को बताते हुए कहा कि रैंकिंग, रेटिंग और सिद्धांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि एनीपी की नई फीकी बुकिंग की भावना गहराई से कम होती है। मिनिस्टर सेंट्रल ने उन सभी उच्च शिक्षा स्केटर्स कोबॉन्ड को कोचिंग दी, जिसमें शिक्षण, नवाचार, अनुसंधान, स्नातक परिणाम और अन्य प्रतिभाओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है, भारत रैंकिंग 2024 में गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है।
मंत्री श्री प्रधान ने जोर देकर कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता, प्रदर्शन और मूल्यांकन को जानने का अधिकार छात्रों और छात्रों को है। इसलिए, देश के सभी 58,000 उच्च शिक्षा छात्रों को रैंकिंग और रेटिंग के तहत ग्रेड देना चाहिए। श्री प्रधान ने कहा कि रोजगार और कौशल एक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारी रैंकिंग व्यवस्था में एक आबादी के रूप में कौशल को भी शामिल किया जाना चाहिए। विद्यार्थियों की शिक्षा और विकास के लिए जोरदार प्रोत्साहन हैं। उन्होंने कहा कि हमें रेटिंग में शामिल होने के लिए शिक्षा के सुप्रीम कोर्ट में तंत्र विकसित करना चाहिए।
श्री प्रधान ने भारतीय शिक्षा जगत के सभी प्रमुखों से रैंकिंग सूची के तहत आने, महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने और भविष्य के संस्करण में उच्च रैंकिंग करने का प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आओ, हम सब मिलकर भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए स्टार्टअप उत्कृष्टता का राक्षस विकसित करें।
डॉ. सुकांत मजूमदार ने अपने शोध में देश के अनुयायियों के लिए समावेशिता और नवाचारों को केंद्र में रखने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पेश करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा अभ्यर्थियों के बीच स्वस्थ्य स्कोर आने वाले समय में उनके समग्र मानकों में सुधार होगा। डॉ. मजूमदार ने कहा कि विद्यार्थियों की शुरुआत में शोध, छात्र कल्याण, प्रकाशन आदि भी महत्वपूर्ण रहे।
श्री संजय मूर्ति ने अपने सिद्धांत में बताया कि कैसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कई विद्यालय आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने विशेष रूप से 29 जुलाई 2024 को अखिल भारतीय शिक्षा समागम के दौरान आयोजित छात्रावास का उल्लेख किया। उन्होंने देश में अलोकतांत्रिक कलाकारों और अंतर्राष्ट्रीय अनुयायियों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
यह भारत में उच्च शिक्षा अध्यापिका की इंडिया रैंकिंग का लगातार 9वाँ संस्करण है। भारत रैंकिंग के 2024 संस्करण में चार विशिष्ट बिंदु इस प्रकार हैं:
i) तीन नए संस्थान अर्थात् राज्य विश्वविद्यालय, मुक्त विश्वविद्यालय और कौशल विश्वविद्यालय की शुरुआत; और
ii) भारतीय ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग करके भारत में “नवाचार” रैंकिंग का एकीकरण।
तीन लक्ष्य अर्थात मुक्त विश्वविद्यालय, राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय और कौशल विश्वविद्यालय को जोड़ने के साथ, इंडिया रैंकिंग का स्टॉकेबल पोर्टफोलियो 16 स्थानों और विषयों तक पहुंच गया है, जिसमें इंडिया रैंकिंग 2024 में स्थान दिया गया है।
भारत रैंकिंग 2016 के पहले वर्ष के दौरान, मठ के साथ-साथ तीन विषय- विशिष्ट रैंकिंग जैसे इंजीनियरिंग, प्रबंधन और रॉकेट के लिए रैंकिंग की घोषणा की गई थी। नौ वर्षों की इस अवधि में, सात नई श्रेणियां और पांच नए विषय क्षेत्र शामिल किए गए, जिससे कुल आठ श्रेणियां अर्थात समग्र, विश्वविद्यालय, कॉलेज, शोध संस्थान, राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय, मुक्त विश्वविद्यालय, कौशल विश्वविद्यालय और नवाचार संस्थान और 8 विषय क्षेत्र शामिल हुए। , प्रबंधन, फ्रेमवर्क, वास्तुकला योजना, चिकित्सा, कानून, दंत चिकित्सा और कृषि तथा संबंधित क्षेत्र हैं।
फ़ैल और वेस्टेज़ की पाँच व्यापक श्रेणियाँ
नवंबर 2015 में शिक्षा मंत्रालय की ओर से नेशनल स्टॉकिंग्स स्टॉकिंग्स (एनी फाइन) का उपयोग शुरू हुआ, इस संस्करण के साथ-साथ वर्ष 2016 से 2023 तक भारत में पिछले आठ संस्करणों की रैंकिंग जारी की गई है। निवेशकों की पांच व्यापक श्रेणियां और 10 के पैमाने पर उनका वेटेज नीचे दिया गया है:
क्र. सं. | पमदंड | 1. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 1 … | वेटेज |
1 | शिक्षण, शिक्षण एवं संसाधन | 100 | 0.30 |
2 | अनुसंधान एवं पेशेवर कार्यालय | 100 | 0.30 |
3 | स्नातक परिणाम | 100 | 0.20 |
4 | संपर्क एवं समावेशिता | 100 | 0.10 |
5 | धारणा | 100 | 0.10 |
इन पांच टुकड़ों में से प्रत्येक में 2 से 5 उप-मापदंड हैं। विभिन्न वर्गीकरण विषय और क्षेत्र में उच्च शिक्षा अभ्यर्थियों की रैंकिंग के लिए कुल 18 टुकड़ों का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक समूह के लिए इन पांच व्यापक विवरणों में से प्रत्येक समूह के लिए निर्धारित अंकों के कुल योग के आधार पर रैंक प्रदान की जाती है।
इसके अलावा, डेटा एलोकेशन की ओर से अलग-अलग झूठे डेटा प्राप्त करने के साथ ही, जहां भी संभव हो, तीसरे पक्ष के डोमेन का भी उपयोग किया गया है। प्रकाशनों और उद्धरणों के डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए स्कोपस (एल्से वीर साइंसेज) और वेब ऑफ साइंस (क्लेरिवेट एनालिटिक्स) का उपयोग किया गया। लैपटॉप पर डेटा पुनः प्राप्त करने के लिए डर्वेंट इनोवेशन का उपयोग किया गया। इन प्रोसेसर से प्राप्त डेटा को पोर्टफोलियो के लिए साझा किया गया, साथ ही उनके इंजेक्शन का प्रोविजन भी किया गया।
2016 से 2024 तक भारत में स्मारकों की संख्या में वृद्धि
भारत रैंकिंग 2024 के लिए “समग्र”, श्रेणी-विशिष्ट और/या डोमेन-विशिष्ट रैंकिंग के तहत रैंकिंग के लिए कुल 6,517 आवेदक आवेदन करते हैं। कुल मिलाकर, इन 6,517 में विभिन्न स्थानों/डोमेन के अंतर्गत रैंकिंग के लिए 10,845 आवेदन किए गए। इनमें समग्र श्रेणी में 2,781, इंजीनियरिंग में 1,463 और सामान्य डिग्री सेल्सियस में 3,371 आवेदन शामिल हैं। इस वर्ष रैंकिंग प्रक्रिया के रूप में इसकी निरंतरता को शामिल किया गया है। भारत में आवेदनों की कुल संख्या 2016 में 2,426 से 2,426 से 6,517 हो गई है, जबकि आवेदनों की कुल संख्या 2016 में 3,565 से 2024 में 10,845 हो गई है, यानी 4091 (168.63) प्रतिशत वृद्धि) और स्मारक की कुल संख्या में 7,280 (204.21 प्रतिशत वृद्धि) की वृद्धि हुई है।
2016 से 2024 तक भारत रैंकिंग में रैंकिंग में आबादकारों की संख्या में वृद्धि हुई
ऐतिहासिक रूप से, भारत की रैंकिंग की शुरुआत के बाद से 100 छात्रों को समग्र, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग और कॉलेज की रैंकिंग दी गई है। इसके अलावा, 100 समकक्षों को 50-50 के दो रैंक बैंड में समग्र और विश्वविद्यालय स्थान में रैंक प्रदान की जाती है। इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर में 200-200 अतिरिक्त नमूनों को तीन रैंक बैंड में रखा गया है, जिसमें 50-50 के दो रैंक बैंड, यानी 100-150 और 151-200 और 100-100 का एक रैंक बैंड, यानी 201-300 शामिल हैं हैं। प्रबंधन और फ्रेमवर्क में, रैंक किए गए प्रदर्शनों की संख्या वर्ष 2022 से 75 से 100 कर दी गई है। साथ ही इन दोनों विषयों में 25-25 अतिरिक्त ऑब्जेक्ट भी रखे गए हैं। वास्तुकला और योजना, कानून, चिकित्सा, दंत चिकित्सा, अनुसंधान संस्थान, कृषि और संबंधित क्षेत्रों जैसे विषयों के लिए, रैंकिंग में शामिल छात्रों की संख्या 40 से 50 तक है।
जहां तक नई शुरुआत की गई थी, इस साल 50. सार्वजनिक दुकानों को 51-100 के बैंड में अतिरिक्त 50 के साथ स्थान दिया गया है। हालाँकि, मुक्त विश्वविद्यालय और कौशल विश्वविद्यालय में केवल तीन-तीन छात्रों को ही स्थान दिया गया है। नवप्रवर्तन केस में 10-50 के बैंड को रैंक दी गई है, जबकि 40 को 11-50 के बैंड में जगह दी गई है।
इंडिया रैंकिंग 2024 की मुख्य विशेषताएं
• भारतीय इंस्टीट्यूट संस्थान मद्रास ने लगातार छठे वर्ष यानि 2019 से 2024 तक समग्र श्रेणी में और इंजीनियरिंग में भी लगातार 9वें साल यानी 2016 से 2024 तक अपना पहला स्थान रखा है।
• समग्र श्रेणी में शीर्ष 100 में 23 राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय, 22 निजी डीएमडी विश्वविद्यालय, 16 डिग्री, 9 एनआईटी, 7 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 7 निजी विश्वविद्यालय, 4 एम्स, आईआईटीएआर और सरकारी डीएमडी विश्वविद्यालय, 3 अन्य सीएफटीआई और 1 कॉलेज शामिल हैं।
• भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु कॉन्स्टेंटिनोपल नौवें वर्ष, 2016 से 2024 तक स्टूडियो की श्रेणी में शीर्ष पर है। यह लगातार चौथा वर्ष, यानी 2021 से 2024 तक रिसर्च रिसर्च डिविजन में पहले स्थान पर रहा।
• आईआईएम अमेरीकी कॉन्स्टेटिव पुरातन वर्ष, यानी 2020 से 2024 तक अपना पहला स्थान बनाए रखा प्रबंधन विषय में शीर्ष पर है। इसे 2016 से 2019 तक इंडिया रैंकिंग के प्रबंधन विषय में शीर्ष दो में स्थान दिया गया था।
• अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम.एस.), नई दिल्ली कॉन्सेंटिव स्थापना वर्ष, यानी 2018 से 2024 तक चिकित्सा में शीर्ष स्थान पर है। इसके अलावा, एम्स समग्र श्रेणी में 7वें स्थान पर है। इसे 2023 में समग्र श्रेणी में 6वें स्थान पर रखा गया था।
• जामिया हमदर्द, नई दिल्ली इस साल की शीट में रैंकिंग टॉप पर है। जामिया हमदर्द को लगातार चार साल तक यानि 2019 से 2022 तक प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसे 2018 और 2023 में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था।
• हिंदू कॉलेज ने पहली बार प्रोटोटाइप में पहला स्थान प्राप्त किया, जिसका स्थान मिरांडा हाउस है। मिरांडा हाउस ने लगातार सात वर्षों तक अर्थात 2017 से 2023 तक अपना पहला स्थान बनाए रखा। हिंदू कॉलेज को 2019, 2022 और 2023 में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था। इसे 2020 और 2018 में क्रमशः तीसरा और चौथा स्थान प्राप्त हुआ था।
• वास्तुशिल्प स्मारक ने लगातार चौथे वर्ष यानि 2021 से 2024 तक वास्तुकला और योजना में अपना पहला स्थान स्थापित किया है। विध्वंस 2018 से 2020 तक दूसरा स्थान पर था।
• नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु ने कॉन्स्टेबल वर्ष यानी 2018 से 2024 तक लॉ में अपना पहला स्थान बरकरार रखा है।
• दिल्ली के सुपरमार्केट ने अपना सुपरमार्केट बनाया हुआ है। पहले 10 पेंटिंग में से छह कॉलेज दिल्ली के ही हैं।
• चेन्नई का इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज लगातार तीसरे वर्ष डेंटल मेडिकल विषय में शीर्ष स्थान पर है।
• भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली लगातार दूसरे वर्ष कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर है।
• अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई इस वर्ष 2024 में पहली बार राज्य सार्वजनिक सोसायटी की श्रेणी में शीर्ष पर है।
• इंदिरा गांधी नेशनल फ्री यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली 2024 में पहली बार फ्री इंडस्ट्री की श्रेणी में टॉप पर शुरुआत हुई है।
• भारतीय शिक्षण संस्थान कानपुर इनोवेशन श्रेणी में शीर्ष पर है।
• सिम्बायस्कॉय मठ एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एसएसपीयू), पुणे इस साल पहली बार कौशल सोसायटी की श्रेणी में शीर्ष पर है।
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