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चंद आतंकियों ढेर करने व आतंकी आका पाक से बेशर्मी से क्रिकेट खेलने से नहीं अपितु रूस व इजरायल की तर्ज़ पर आतंकी आका का सफाया करने से ही लगेगा भारत में आतंकवाद पर अंकुश

मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के दिन 9 जून को घटित 2 घटनाओं ने भारत को पूरी तरह से तबाह कर दिया 

देवसिंह रावत
9 जून 2024 को  2024 में जनादेश अर्जित करने के बाद राजग गठबंधन की मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के दिन दो ऐसी महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं, जो भारत के हुक्मरानों, राजनीतिक दलों, बुद्धिजीवियों और देश की जनता की दशा और दिशा को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया।

जिस समय देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में देश के राष्ट्रपति, मोदी और उनके सहयोगियों को शपथ दिलाई जा रही थी, उससे दो घंटे पहले जम्मू कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला कर 9 तीर्थयात्रियों को निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया गया। इससे देश को स्तब्ध हो गया।
दूसरी घटना इसी प्रकार 9 जून को शपथ ग्रहण के समय अमेरिका की न्यूयॉर्क शहर में 20 ओवरों के विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता 2024 में भारत की क्रिकेट टीम आठ दशक से बेशर्मी से मैच खेल रही थी।
देश की जनता आज भी हैरान है कि भारत पर आठ दशक से लगातार आतंकवादी पाकिस्तान पर हमला कर रहा है, यह आतंकवादी देश पाकिस्तान को रूस और इजरायल की तर्ज पर जवाब देने के बजाय भारत बेशर्मी से क्रिकेट खेल रहा है। जबकि भारत को चाहिए था कि वह एक आतंकवादी आका पाक को एक आतंकवादी देश घोषित कर दे, उससे सभी संबंध तोड़े । इसके साथ ही पूरी दुनिया में उसे अलग-अलग तह करते हुए भारी आतंक को मारेगा।
लेकिन अब तक भारत सरकार किसी आतंकवादी घटना पर चंद हमलों को कुचलकर देश की जनता में यह संदेश देती है कि उसने आतंक का सफाया कर दिया है। वह आतंकवादी आका पाकिस्तान पर अंकुश लगाने के बजाय दो टके के लिए उसके साथ क्रिकेट मैच खेलने का कृत्य कर रही है। इससे पाकिस्तान का दुस्साहस लगातार बढ़ रहा है, वह भारत को आतंकवादी घटनाओं से बर्बाद कर रहा है।
 खुद आतंकवादी आका पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने के बजाय पाकिस्तान के संरक्षक अमेरिका और उसके प्यादे संयुक्त राष्ट्र संघ से पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की फरियाद कर रहे हैं। जबकि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र केवल ठुकराते हैं, उल्टे भारत को कमजोर करने वाले अन्य आतंकवादी संगठनों को भी अपने प्यादों के द्वारा संरक्षण और समर्थन देकर भारत पर प्रहार करते हैं। साथ में मरणासन हुए पाक को सबल भी बनाया जाता है। भारतीय हुक्मरानों की इस दिशाहीनता के कारण जनता और बुद्धिजीवी भी दिशाहीन हो चुके हैं। वह भी देश की सुरक्षा करने के बजाय पाक क्रिकेट मैच के रागों में नीरो बने हैं। बाल मुद्दे के बाद देश में कोई ऐसा राष्ट्रभक्त बड़ा नेता नहीं हुआ, जो इस प्रकार के राष्ट्रवादी पाखंड का विरोध कर देश की सरकार, राजनीतिक दलों और जनता को राष्ट्र भक्ति का सबक सिखा सके। कम से कम क्रिकेट में तो भारत, पाकिस्तान को अलग कर सकता है। लेकिन दो टके के मोह में हुक्मरान, दुनिया में पाक को अलग जगह देने के बजाय पाकिस्तान से क्रिकेट खेल कर उसे सबल कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्रियों से भरी बस वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए 9 जून के सांयकाल शिवखोड़ी, कटरा से जा रहे थे। जम्मू कश्मीर के रियासी जनपद के घनघोर जंगल व पहाड़ी इलाके में एक नकाबपोश आतंकवादी सामने आया, अचानक बम विस्फोट कर दिया, जिससे बस का चालक घायल हो गया। वह बस को नियंत्रित नहीं कर सका और बस गहरी खाई में गिर गई। इस आतंकवादी हमले में 3 साल के अबोध बच्चे और महिलाओं सहित 9 तीर्थयात्री मारे गए।
जम्मू कश्मीर में तीर्थयात्रियों की हुई निर्मम हत्या की खबर जानने के बाद भी भारतीय क्रिकेट टीम बेशर्मी से भारत को 8 दशक से आतंक से बचाने वाले आतंकवादी संरक्षक पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच के साथ बिना शोक-दुख के खेलते नजर आए।
इस घटना के बाद देश की सरकार ने आतंक को संरक्षण दे रहे पाकिस्तान के दिल्ली स्थित उच्चायुक्त को न तो तत्काल कार्रवाई की और न ही पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए रूस और इजरायल की सेना पर सबक सिखाने वाले ठोस कदम उठाए।

(बिशेष- मैं कई बार इस लेख को प्रकाशित कर रहा हूँ पर न जाने इसमें बार-बार सुधार करने के बाबजूद यह गु लिखा हुआ कैसे दिख रहा है? तकनीकी त्रुटि है या किसी ने नियंत्रण कर दिया है)

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